अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों के चलते यूक्रेन को बड़ा झटका लगा है। अब खबर आ रही है कि यूक्रेन और अमेरिका एक व्यापक आर्थिक समझौते की ओर बढ़ चुके हैं, जिसमें दुर्लभ खनिज संसाधनों के दोहन को भी शामिल किया गया है।

अमेरिका-यूक्रेन के बीच हुआ बड़ा करार
यूक्रेन और अमेरिका ने दुर्लभ खनिज संसाधनों के दोहन से जुड़े एक महत्वपूर्ण समझौते पर सहमति जता दी है। तीन वरिष्ठ यूक्रेनी अधिकारियों ने इस बारे में जानकारी दी है, हालांकि उन्होंने नाम गुप्त रखने की शर्त रखी है। एक अधिकारी ने बताया कि इस समझौते से यूक्रेन को अमेरिकी सैन्य सहायता की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी, जिसकी उसे इस समय सख्त जरूरत है।
ट्रंप प्रशासन की ओर से अब तक कोई बयान नहीं
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सरकार ने इस समझौते को लेकर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। वहीं, एक यूक्रेनी अधिकारी के मुताबिक, इस करार पर शुक्रवार को हस्ताक्षर होने की संभावना है। इसके अलावा, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के वाशिंगटन जाकर ट्रंप से मुलाकात करने की योजना भी बनाई जा रही है।
यूक्रेन के लिए क्यों अहम है यह समझौता?
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि यह समझौता जेलेंस्की और ट्रंप के बीच सैन्य सहायता को लेकर चर्चा का अवसर देगा। रूस के साथ जारी संघर्ष के बीच यह डील यूक्रेन के लिए बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है। इस करार से उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अधिक समर्थन मिलने की उम्मीद है, जिससे उसकी सुरक्षा और आर्थिक स्थिति मजबूत हो सकती है।
क्या है इस समझौते का उद्देश्य?
इस समझौते के तहत दुर्लभ पृथ्वी खनिजों के व्यापार पर जोर दिया जाएगा। ये खनिज इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों, सौर पैनलों और अन्य तकनीकी उपकरणों के निर्माण में उपयोग होते हैं। यूक्रेन में इन खनिजों का भंडार काफी अधिक है और अंतरराष्ट्रीय बाजार में इनकी भारी मांग है।