चीन लंबे समय से ताइवान को अपना क्षेत्र मानता है और हाल ही में उसने वहां अपनी सैन्य गतिविधियां तेज कर दी हैं। जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से इस विषय पर सवाल किया गया, तो उन्होंने क्या प्रतिक्रिया दी? आइए जानते हैं।

ट्रंप का जवाब
वाशिंगटन: चीन और ताइवान के बीच लगातार तनाव बढ़ रहा है। डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका का राष्ट्रपति बनने के बाद यह सवाल उठ रहा था कि उनका प्रशासन इस स्थिति से कैसे निपटेगा। हाल ही में अपनी पहली कैबिनेट बैठक के दौरान, राष्ट्रपति ट्रंप ने स्पष्ट रूप से यह कहने से इनकार कर दिया कि उनका प्रशासन चीन को ताइवान पर कब्जा करने से रोकने के लिए कोई ठोस कदम उठाएगा या नहीं।
CNN की रिपोर्ट के अनुसार, जब इस विषय पर ट्रंप से पूछा गया, तो उन्होंने कहा, “मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं करता, क्योंकि मैं खुद को ऐसी स्थिति में नहीं डालना चाहता।” उन्होंने यह भी जोड़ा, “हम चीन के साथ अच्छे संबंध बनाए रखेंगे, लेकिन वे हमारा फायदा नहीं उठा पाएंगे।”
अमेरिका के संकेत
CNN की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब अमेरिका ने हाल ही में ताइवान को लेकर बड़ा कदम उठाया। अमेरिकी विदेश विभाग ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट से एक बयान हटाया था, जिसमें यह कहा गया था कि अमेरिका ताइवान की स्वतंत्रता का समर्थन नहीं करता।
इस बदलाव को अमेरिका की नीति में संभावित बदलाव के संकेत के रूप में देखा गया, क्योंकि यह चीन की “वन चाइना पॉलिसी” को मान्यता देने की दिशा में बढ़ा कदम माना जा सकता है। हालांकि, अमेरिका ने कभी भी आधिकारिक रूप से ताइवान पर चीनी संप्रभुता के दावे को स्वीकार नहीं किया है।
चीन की प्रतिक्रिया
चीन की सेना ने 12 फरवरी को अमेरिका पर ताइवान जलडमरूमध्य में “खतरनाक गतिविधियों” को अंजाम देने का आरोप लगाया था। यह बयान तब आया जब अमेरिकी नौसेना के दो जहाजों ने अंतरराष्ट्रीय जलमार्ग को पार किया। पीएलए के पूर्वी थिएटर कमांड ने अपने बयान में कहा, “अमेरिकी कार्रवाई गलत संकेत भेजती है और क्षेत्रीय सुरक्षा को खतरे में डालती है।”