देखने वालों को ये मज़ाक या झूठ न लगे, इसके लिए बाबाजी ने जैसे ही अपनी पगड़ी खोली, सभी की आंखें हैरानी से खुली रह गईं। किसी ने भी यह नहीं सोचा था कि उनके सिर पर अनाज की जड़ें तक देखने को मिलेंगी। महाकुंभ में देश के कोने-कोने से …
और पढ़ेंदेखने वालों को ये मज़ाक या झूठ न लगे, इसके लिए बाबाजी ने जैसे ही अपनी पगड़ी खोली, सभी की आंखें हैरानी से खुली रह गईं। किसी ने भी यह नहीं सोचा था कि उनके सिर पर अनाज की जड़ें तक देखने को मिलेंगी। महाकुंभ में देश के कोने-कोने से …
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