डोनाल्ड ट्रंप के करीबी काश पटेल बने एफबीआई डायरेक्टर, सीनेट से मिली मंजूरी

भारतीय मूल के काश पटेल को अमेरिकी फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (FBI) का नया निदेशक नियुक्त किया गया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के करीबी माने जाने वाले पटेल को सीनेट ने मंजूरी दे दी है, जिससे अब वह इस महत्वपूर्ण पद को संभालेंगे।


सीनेट से हरी झंडी, डेमोक्रेट्स ने किया विरोध

काश पटेल की नियुक्ति को अमेरिकी सीनेट ने 51-49 के वोटों से मंजूरी दी। हालांकि, इस पर डेमोक्रेट सांसदों ने आपत्ति जताई और कहा कि पटेल ट्रंप के प्रभाव में काम कर सकते हैं। उनका तर्क था कि पटेल का झुकाव रिपब्लिकन पार्टी की ओर है और वह राजनीतिक विरोधियों को निशाना बना सकते हैं।


काश पटेल का बयान – पारदर्शिता और जवाबदेही पर जोर

नियुक्ति के बाद काश पटेल ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर खुशी जाहिर करते हुए कहा:

“यह मेरे लिए गर्व की बात है। राष्ट्रपति ट्रंप और अटॉर्नी जनरल बोंडी, आपके अटूट समर्थन के लिए धन्यवाद। अमेरिकी नागरिकों को एक निष्पक्ष और पारदर्शी एफबीआई की जरूरत है। न्याय प्रणाली का राजनीतिकरण अब और नहीं चलेगा।”


एफबीआई में होंगे बड़े बदलाव?

एफबीआई निदेशक के रूप में पटेल ने यह संकेत दिया है कि एजेंसी में कई बड़े सुधार किए जाएंगे। इनमें वाशिंगटन स्थित मुख्यालय में कर्मचारियों की संख्या कम करना और अपराध नियंत्रण जैसे पारंपरिक कार्यों को अधिक प्राथमिकता देना शामिल है।


कौन हैं काश पटेल?

  • काश पटेल भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक हैं। उनके माता-पिता गुजरात से थे और बाद में अमेरिका जाकर बस गए।
  • उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ रिचमंड से इतिहास और आपराधिक न्याय (Criminal Justice) की पढ़ाई की है।
  • ट्रंप प्रशासन के पहले कार्यकाल में उन्होंने आतंकी संगठन अल-कायदा के नेताओं को खत्म करने में अहम भूमिका निभाई थी।
  • वह अमेरिकी राज्य और संघीय अदालतों में कई आपराधिक मामलों की सुनवाई में शामिल रहे हैं।

ट्रंप प्रशासन में पहले भी निभाई अहम भूमिका

काश पटेल ने डोनाल्ड ट्रंप के पहले कार्यकाल में भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाई थीं। उन्होंने आतंकवाद विरोधी अभियानों में सक्रिय भागीदारी की और कई हाई-प्रोफाइल मामलों को संभाला।


निष्कर्ष

काश पटेल की एफबीआई निदेशक के रूप में नियुक्ति अमेरिका की न्याय प्रणाली में बदलाव के संकेत देती है। हालांकि, डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से उनके राजनीतिक झुकाव को लेकर सवाल उठाए गए हैं, लेकिन पटेल ने निष्पक्षता और जवाबदेही बनाए रखने का आश्वासन दिया है।

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