गोपालगंज के जादोपुर रोड पर एक छोटी मगर बेहद खास लिट्टी की दुकान पिछले 40 वर्षों से अपनी पहचान बनाए हुए है। इस दुकान की अनूठी खासियत यह है कि यहां लिट्टी को आग पर सेंकने की बजाय शुद्ध सरसों के तेल में डीप फ्राई किया जाता है और इसे चना छोला, दही और चटनी के साथ परोसा जाता है। इसका लाजवाब स्वाद ग्राहकों को बार-बार यहां आने पर मजबूर कर देता है।
शुद्ध सरसों तेल में बनी लिट्टी का अनोखा स्वाद

बिहार में पारंपरिक रूप से लिट्टी-चोखा आग पर सेंककर बनाई जाती है, लेकिन गोपालगंज की इस दुकान ने अपने अलग अंदाज से इसे खास बना दिया है। यहां सत्तू भरी हुई लिट्टी को सरसों तेल में तलकर तैयार किया जाता है और फिर इसे चना छोला, दही और चटनी के साथ परोसा जाता है। इसकी खुशबू और स्वाद इतने अनोखे हैं कि ग्राहक दूर-दूर से इसे खाने आते हैं।
सुबह से ही लगती है ग्राहकों की कतार
हर दिन सुबह 9 बजे से दुकान पर लिट्टी-छोला मिलना शुरू हो जाता है और दोपहर तक ग्राहकों की भीड़ लगी रहती है। स्वादिष्ट और किफायती होने के कारण लोग कतार में लगकर इस लिट्टी का आनंद लेते हैं।
चार दशकों से कायम है पहचान
इस दुकान की स्थापना करीब 40 साल पहले स्व. अशोक प्रसाद ने की थी, जिसे अब उनके बेटे सुशील कुमार चला रहे हैं। उनका कहना है कि उन्होंने कभी भी गुणवत्ता और स्वाद के साथ समझौता नहीं किया, यही वजह है कि आज भी लोग उनकी दुकान की लिट्टी को उतनी ही पसंद करते हैं जितनी पहले करते थे।
मात्र 25 रुपये में चार लिट्टी और छोला
यहां मात्र 25 रुपये में चार पीस लिट्टी के साथ चना छोला, दही और चटनी परोसी जाती है। दुकान का क्षेत्र सीमित होने के कारण ग्राहक सड़क किनारे खड़े होकर लिट्टी-छोला खाते हैं। कई ग्राहक तो इसके इतने शौकीन हैं कि रोज यहां आते हैं, जबकि कुछ लोग अपने परिवार के लिए पैक कराकर भी ले जाते हैं।
गोपालगंज की यह दुकान वर्षों से अपने खास अंदाज और लाजवाब स्वाद के चलते शहर की पहचान बन चुकी है।