पाकिस्तानी सेना के दावों पर जाफर एक्सप्रेस के यात्रियों ने पानी फेर दिया है। बंधक बनाए गए यात्रियों का कहना है कि उनकी रिहाई पाकिस्तानी सेना ने नहीं कराई, बल्कि बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने खुद उन्हें छोड़ दिया।

104 यात्रियों की सुरक्षित वापसी
बलूचिस्तान में बीएलए द्वारा हाईजैक की गई जाफर एक्सप्रेस के 104 यात्री अब सुरक्षित लौट चुके हैं। पाकिस्तानी सेना ने दावा किया था कि उन्होंने 16 आतंकवादियों को मारकर यात्रियों को छुड़ाया, लेकिन रिहा हुए यात्रियों का कहना है कि सेना ने कोई मदद नहीं की। उन्होंने बताया कि बीएलए के सदस्यों ने खुद उन्हें छोड़ते हुए कहा कि “आपसे कोई दुश्मनी नहीं है।”
परिवारों और बच्चों के कारण हुई रिहाई
रिहा हुए यात्रियों ने बताया कि उनके साथ परिवार और छोटे बच्चे थे, इस वजह से बीएलए ने उन्हें नुकसान नहीं पहुंचाया। एक यात्री ने कहा, “उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि महिलाओं और बच्चों को कोई नुकसान नहीं होगा और हमें जाने दिया गया।” बीएलए ने भी दावा किया है कि उन्होंने 80 से अधिक नागरिकों और बच्चों को सुरक्षित रिहा किया है।
बीएलए का संदेश- “आप लोग निकल जाइए”
यात्रियों द्वारा साझा किए गए एक वीडियो में साफ दिख रहा है कि पाकिस्तानी सेना ने कोई मदद नहीं की। वीडियो में यात्रियों ने कहा, “बीएलए के सदस्यों ने हमें खुद जाने दिया और कहा कि आप लोग निकल जाइए, क्योंकि हम आपसे कोई दुश्मनी नहीं रखते।” यात्रियों ने बताया कि इसके बाद उन्होंने करीब चार घंटे पैदल चलकर सुरक्षित स्थान तक पहुंचने का रास्ता तय किया।
पीछे मुड़कर मत देखना
एक यात्री ने घटना का दर्दनाक विवरण साझा करते हुए कहा, “ट्रेन हाईजैक होने से पहले एक बड़ा धमाका हुआ। फिर हमें नीचे उतरने के लिए कहा गया। सभी यात्री डर से वहीं लेट गए थे। इसके बाद उन्होंने कहा कि पीछे मुड़कर मत देखना और हमें छोड़ दिया।” यात्रियों ने बताया कि बीएलए के सदस्यों का मुख्य ध्यान महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा पर था।