सोशल मीडिया पर एक संदेश तेजी से फैल रहा है, जिसमें कहा जा रहा है कि 75 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों को अब आयकर नहीं देना होगा। यह दावा व्हाट्सएप, फेसबुक और अन्य प्लेटफॉर्म्स पर व्यापक रूप से साझा किया जा रहा है। संदेश में यह भी उल्लेख है कि भारत की आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में यह निर्णय लिया गया है, जिससे वरिष्ठ नागरिकों को अपनी आय पर कर नहीं चुकाना पड़ेगा।
PIB का स्पष्टीकरण

इस दावे की सत्यता की जांच करते हुए, प्रेस सूचना ब्यूरो (PIB) ने इसे भ्रामक और गलत बताया है। PIB के अनुसार, यह संदेश फर्जी है। वास्तविकता यह है कि 75 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों को केवल आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने से छूट दी गई है, बशर्ते उनकी आय केवल पेंशन और उसी बैंक से प्राप्त ब्याज तक सीमित हो जहां पेंशन जमा होती है। यदि उनकी आय पर कर देय है, तो संबंधित बैंक टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) के माध्यम से कर की राशि काटकर सरकार को जमा करेगा।
कानूनी प्रावधान
यह छूट आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 194P के तहत प्रदान की गई है, जो 1 अप्रैल 2021 से प्रभावी है। इस प्रावधान के अनुसार, यदि वरिष्ठ नागरिक की आय केवल पेंशन और उसी बैंक से ब्याज तक सीमित है, तो उन्हें ITR दाखिल करने की आवश्यकता नहीं है। हालांकि, कर की देयता होने पर, बैंक द्वारा टीडीएस के माध्यम से कर की कटौती की जाएगी।
निष्कर्ष
इस प्रकार, यह स्पष्ट है कि 75 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों को आयकर से पूर्णतः छूट नहीं दी गई है। उन्हें केवल ITR दाखिल करने से छूट मिली है, वह भी तब जब उनकी आय केवल पेंशन और संबंधित बैंक से ब्याज तक सीमित हो। अन्य स्रोतों से आय होने पर या अन्य स्थितियों में, उन्हें आयकर नियमों का पालन करना आवश्यक है। इसलिए, सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रहे इस प्रकार के संदेशों पर विश्वास करने से पहले उनकी सत्यता की जांच अवश्य करें।