रूस-अमेरिका की नजदीकी के बीच भारत का बढ़ता प्रभाव, चीन ने जताई नई दिल्ली के साथ संबंध मजबूत करने की इच्छा

वैश्विक परिदृश्य में तेजी से बदलते समीकरणों के बीच चीन अब भारत के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने की मंशा जाहिर कर रहा है। रूस और अमेरिका के बीच बढ़ती नजदीकी के चलते चीन खुद को अलग-थलग महसूस कर रहा है, जिसके कारण वह भारत के साथ दोस्ती बढ़ाने के प्रयास कर रहा है। चीन के इस कदम ने अंतरराष्ट्रीय राजनीति में हलचल मचा दी है।

चीनी विदेश मंत्री का बड़ा बयान

चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि भारत के साथ संबंधों को नई दिशा देने के लिए चीन पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बीते वर्षों में दोनों देशों के बीच कुछ कटु अनुभव रहे हैं, लेकिन अब वक्त आ गया है कि इन्हें भुलाकर आगे बढ़ा जाए। वांग यी ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा,
“इस वर्ष चीन-भारत राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ है। हम चाहते हैं कि दोनों देश मिलकर बीते अनुभवों से सीखें और अपने संबंधों को स्थिर एवं सुदृढ़ विकास की दिशा में आगे बढ़ाएं।”

भारत-चीन संबंधों में आया सकारात्मक बदलाव

चीनी विदेश मंत्री ने कहा कि पिछले एक साल में भारत-चीन के रिश्तों में सकारात्मक सुधार हुआ है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग की पिछले अक्टूबर में कज़ान में हुई सफल बैठक का हवाला देते हुए कहा कि इस बातचीत से दोनों देशों के बीच संबंधों को सुधारने के लिए एक रणनीतिक दिशा मिली।

वांग यी ने यह भी कहा,
“भारत और चीन एक-दूसरे के सबसे बड़े पड़ोसी हैं। हमें प्रतिद्वंद्वी नहीं बल्कि सहयोगी बनकर काम करना चाहिए। ‘ड्रैगन’ और ‘हाथी’ का साथ आना दोनों देशों के लिए सबसे सही निर्णय होगा।”

उन्होंने आगे कहा कि भारत और चीन को एक-दूसरे की सफलता में योगदान देना चाहिए, क्योंकि दोनों देशों का विकास और पुनरुद्धार एक साझा लक्ष्य है।

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