आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के फाइनल में भारत और न्यूजीलैंड की टीमें 9 मार्च को आमने-सामने होंगी। यह हाई-वोल्टेज मुकाबला दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में खेला जाएगा, जहां की पिच को लेकर काफी चर्चा हो रही है। इतिहास देखें तो दुबई की धीमी पिचों पर टॉस जीतने वाली टीम को बड़ा फायदा मिलता है।

क्या कहता है पिछला रिकॉर्ड?
दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में खेले गए पिछले 10 वनडे मैचों के आंकड़ों पर नजर डालें तो 7 मुकाबलों में उस टीम ने जीत दर्ज की है, जिसने लक्ष्य का पीछा किया। हालांकि, भारतीय टीम ने मौजूदा टूर्नामेंट में यहां 4 मुकाबले खेले हैं और तीन में लक्ष्य का सफल पीछा किया है।
पिच का प्रभाव:
- सेमीफाइनल मुकाबले में भारत ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 265 रनों का पीछा किया और आसानी से जीत दर्ज की।
- हालांकि, शाम के समय यहां की पिच बल्लेबाजों के लिए मददगार होती है, जिससे बाद में बैटिंग करने वाली टीम को फायदा हो सकता है।
न्यूजीलैंड के कप्तान का बयान
न्यूजीलैंड के कप्तान मिचेल सेंटनर ने भी टॉस को लेकर अपनी रणनीति स्पष्ट की है। उनका कहना है कि ग्रुप स्टेज में भारत के खिलाफ खेले गए मुकाबले में उनके गेंदबाजों ने शानदार प्रदर्शन किया था, इसलिए वे फाइनल में टॉस जीतकर उसी रणनीति को दोहराना चाहेंगे।
क्या भारत 2000 की हार का बदला ले पाएगा?
गौरतलब है कि साल 2000 में भी भारत और न्यूजीलैंड के बीच चैंपियंस ट्रॉफी का फाइनल खेला गया था, जिसमें न्यूजीलैंड ने 4 विकेट से जीत दर्ज की थी। अब 25 साल बाद दोनों टीमें एक बार फिर खिताबी भिड़ंत में आमने-सामने हैं। देखना होगा कि इस बार नतीजा किसके पक्ष में जाता है।