भारतीय शेयर बाजार 2025 में अब तक सुधार के दौर से गुजर रहा है, जिसकी शुरुआत 2024 के अंतिम महीनों में हुई थी। विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने भारत के द्वितीयक बाजार में अपनी बिकवाली जारी रखी है, जिससे बेंचमार्क सूचकांक हाल के समय में अपने रिकॉर्ड उच्च स्तर से भारी गिरावट का सामना कर रहे हैं।

निफ्टी अपने रिकॉर्ड उच्च स्तर 26,000 अंकों से लगभग 15 प्रतिशत गिर गया है। इसी तरह, बीएसई 30-सेंसेक्स 85,000 अंकों के रिकॉर्ड उच्च स्तर से 11 प्रतिशत गिरा है। 18 फरवरी 2025 तक निफ्टी और सेंसेक्स क्रमशः 22,820 और 75,500 के आसपास कारोबार कर रहे थे।
शेयर बाजार में इस गिरावट से अमीर और प्रमुख निवेशक भी अछूते नहीं रहे हैं, जिससे उनकी निवल संपत्ति और बाजार में निवेश में भारी गिरावट आई है।
आरके दमानी, केडिया को हुआ बड़ा नुकसान
PrimeInfoBase की रिपोर्ट के अनुसार, 1 अक्टूबर 2024 से अब तक शीर्ष 10 निवेशकों के पोर्टफोलियो से ₹81,000 करोड़ की हानि हो चुकी है।
प्रमुख निवेशकों जैसे विजय केडिया, हितेश दोशी, सचिन बंसल, राधाकिशन दमानी, आकाश भंशलाली, आशीष कचोलिया, अनिल गोयल और अन्य ने अपने पोर्टफोलियो में 56 प्रतिशत तक की गिरावट देखी है।
D-Mart के संस्थापक राधाकिशन दमानी का पोर्टफोलियो 28 प्रतिशत गिर गया, वहीं विश्वास पटेल का 27 प्रतिशत और अनिल गोयल व अनुज शेठ का पोर्टफोलियो 24 प्रतिशत तक गिरा।
आशीष कचोलिया, जिन्होंने बीटा ड्रग्स, शाइली इंजीनियरिंग और अन्य शेयरों में निवेश किया था, उन्हें इस वित्तीय वर्ष 2024-25 के करेक्शन फेज में अपने निवेश का 21.1 प्रतिशत नुकसान हुआ।
बाजार के प्रतिकूल हालातों में भी कुछ ने बनाई बढ़त
शीर्ष निवेशकों की संपत्ति में भारी गिरावट के बावजूद, कुछ ने बाजार के प्रतिकूल हालातों के बावजूद अपनी संपत्ति को कई गुना बढ़ाने में सफलता पाई है।
राकेश झुनझुनवाला और उनके परिवार के पोर्टफोलियो में 28 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जो 31 दिसंबर 2025 को समाप्त तिमाही में बढ़कर ₹68,182 करोड़ हो गया। उन्हें इन्वेंचरस नॉलेज सॉल्यूशंस आईपीओ की लिस्टिंग से लाभ हुआ।
इसी तरह, मनीष जैन के निवेश में FY 2024-25 में अब तक 41 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जिसका श्रेय नवंबर में Enviro Infra Engineers IPO को जाता है। जैन के पास Enviro Infra Engineers में लगभग ₹1,116 करोड़ की हिस्सेदारी है।