न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक के ग्राहकों में तब हड़कंप मच गया जब भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंक की वित्तीय स्थिरता को लेकर गंभीर चिंताओं के चलते छह महीने के लिए निकासी पर प्रतिबंध लगा दिया। ऑनलाइन वीडियो में लोगों को बैंक शाखाओं के बाहर इकट्ठा होते हुए देखा गया, जो स्थिति को लेकर स्पष्टीकरण मांग रहे थे।

RBI ने घोषणा की कि मुंबई स्थित इस को-ऑपरेटिव बैंक को नए ऋण जारी करने, निवेश करने या धन उधार लेने की अनुमति नहीं है। यह प्रतिबंध गुरुवार को कारोबार समाप्त होने के बाद लागू हुए और छह महीने तक जारी रहेंगे, हालांकि इन्हें समीक्षा के आधार पर बदला जा सकता है। हालांकि, केंद्रीय बैंक ने इस अचानक कदम के पीछे के विशेष कारणों का खुलासा नहीं किया।
इस फैसले से खाताधारकों में गहरी चिंता फैल गई, क्योंकि कई लोग अपने दैनिक वित्तीय आवश्यकताओं के लिए इस बैंक पर निर्भर थे। ग्राहकों को अपनी बचत, बिल भुगतान और ऋण ईएमआई को लेकर घबराए हुए देखा गया।
एक खाताधारक, सीमा वाघमारे ने ANI को बताया, “हमने कल ही पैसे जमा किए थे, लेकिन बैंक ने हमें इसके बारे में कोई जानकारी नहीं दी। अब वे कह रहे हैं कि हमें अपने पैसे तीन महीने में मिलेंगे। हमारी ईएमआई भरनी है, लेकिन हमें समझ नहीं आ रहा कि कैसे संभालेंगे।”
एक अन्य ग्राहक, भानुमती ने कहा, “बैंक ने हमें कुछ नहीं बताया… किसी के पास तुरंत फोन चेक करने का समय नहीं होता… मेरा इस बैंक में पिछले 32-35 साल से खाता है… मैं यहां एफडी खोलने वाली थी, लेकिन सौभाग्य से समय नहीं मिल पाया।”
निकासी पर प्रतिबंध के बावजूद, RBI ने बैंक को कुछ शर्तों के तहत मौजूदा जमा राशि के बदले ऋण समायोजित करने की अनुमति दी है। इसके अलावा, बैंक को आवश्यक खर्चों जैसे कि कर्मचारियों के वेतन, किराए और बिजली-पानी के बिलों के भुगतान की भी इजाजत दी गई है ताकि संचालन में न्यूनतम बाधा हो।
RBI द्वारा न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक पर की गई यह सख्त कार्रवाई उन छोटे वित्तीय संस्थानों पर बढ़ती निगरानी का हिस्सा है जो तरलता (लिक्विडिटी) और अनुपालन (कंप्लायंस) की समस्याओं से जूझ रहे हैं। आने वाले महीनों में इस बैंक की स्थिति पर कड़ी नजर रखी जाएगी, क्योंकि इसका भविष्य अनिश्चित बना हुआ है।