भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जनवरी में रेपो रेट कटौती के बावजूद, गोल्ड लोन की ब्याज दरों में कमी की संभावना नहीं है, ऐसा मुथूट फाइनेंस के प्रबंध निदेशक जॉर्ज अलेक्जेंडर मुथूट का कहना है।
मिंट को दिए गए एक साक्षात्कार में मुथूट ने बताया कि फंडिंग की लागत (Cost of Funds) केवल मामूली रूप से घटेगी, जिससे उधार दरों में कोई खास कमी नहीं आएगी।

उन्होंने कहा, “फंड की लागत 5-10 बेसिस पॉइंट तक कम हो सकती है, लेकिन मैं नहीं मानता कि इससे लोन दरों में कोई खास गिरावट आएगी।”
उन्होंने आगे जोड़ा, “हम अपने मार्जिन को 10.0-10.5% के बीच बनाए रखेंगे।”
(एक बेसिस पॉइंट एक प्रतिशत के सौवें हिस्से के बराबर होता है।)
मुथूट फाइनेंस का मुनाफा और शेयरों में उछाल
भारत की सबसे बड़ी गोल्ड लोन कंपनी ने तीसरी तिमाही में साल-दर-साल (YoY) 33% की वृद्धि के साथ ₹1,363 करोड़ का शुद्ध लाभ दर्ज किया।
कंपनी की नेट इंटरेस्ट इनकम (NII) 42.8% बढ़कर ₹2,721.4 करोड़ हो गई, जो पिछले वर्ष इसी अवधि में ₹1,905.7 करोड़ थी।
बीते नौ महीनों में 1.37 मिलियन (13.7 लाख) नए ग्राहक जोड़े गए, जिसका श्रेय बेहतर ग्राहक अधिग्रहण प्रक्रिया को दिया गया।
गुरुवार को मुथूट फाइनेंस के शेयरों में 6% से अधिक की बढ़ोतरी हुई, जिससे इसका स्टॉक BSE पर ₹2,321.80 के 52-सप्ताह के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया।
मुनाफे में उछाल का कारण
मुथूट ने अपनी कमाई में वृद्धि का श्रेय गोल्ड लोन की बढ़ती मांग और सोने की कीमतों में वृद्धि को दिया।