बलिया की प्रसिद्ध मिठाई
उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में कई तरह की पारंपरिक मिठाइयां बनाई जाती हैं, लेकिन वेडिंग सीजन में बनने वाली मिठाइयों की मांग सबसे ज्यादा रहती है। खासतौर पर एक मिठाई ऐसी है जिसे बेटी की विदाई के समय शुभ माना जाता है। इसे “खाजा” या “खजुली” मिठाई के नाम से जाना जाता है। इस स्वादिष्ट मिठाई की कीमत महज 160 से 180 रुपए प्रति किलो है, और इसका लाजवाब स्वाद इसे अन्य मिठाइयों से अलग बनाता है।
सदियों पुरानी परंपरा

बलिया के प्रसिद्ध दुकानदार मुन्ना जी बताते हैं कि खाजा मिठाई का इतिहास बेहद पुराना है। यह मिठाई सदियों से बनाई जा रही है और खासकर शादी-ब्याह के मौसम में इसकी मांग कई गुना बढ़ जाती है। इस मिठाई की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह लंबे समय तक खराब नहीं होती, यानी इसे कई महीनों तक आराम से खाया जा सकता है।
कैसे बनाई जाती है खाजा मिठाई?
खाजा मिठाई बनाने की प्रक्रिया बेहद खास होती है। इसे बनाने के लिए:
- सबसे पहले मैदे को गुनगुने पानी और रिफाइंड तेल के साथ अच्छी तरह मलकर गूंधा जाता है।
- फिर इसे पतली परतों में बेलकर काटा जाता है और लंबा आकार दिया जाता है।
- इसके बाद इसे तेल में कुरकुरा होने तक तला जाता है।
- अंत में तली हुई मिठाई को मीठी चाशनी में डुबोकर इसका स्वाद और भी बढ़ाया जाता है।
बेटी की विदाई में शुभ मानी जाती है खाजा मिठाई
स्थानीय निवासी राघवेंद्र प्रताप सिंह बताते हैं कि खाजा मिठाई का महत्व बलिया और पूर्वांचल में काफी अधिक है। विशेष रूप से शादी, तिलक और बेटी की विदाई में इसे शुभ माना जाता है। यही वजह है कि शादी के मौसम में इसकी मांग बहुत ज्यादा बढ़ जाती है।
कहां मिलती है यह मिठाई?
बलिया रेलवे स्टेशन के पास शहीद पार्क चौक और शनिचरी मंदिर के आसपास मुन्ना जी की दुकान सहित कई दुकानों पर यह मिठाई आसानी से मिल सकती है। आप यहां ऑटो या निजी वाहन से पहुंच सकते हैं और इस पारंपरिक मिठाई का स्वाद ले सकते हैं।
अगली बार जब भी बलिया जाएं, तो इस पारंपरिक मिठाई का आनंद जरूर लें!