NFC क्या है और कैसे काम करता है?
NFC (Near Field Communication) एक वायरलेस कम्युनिकेशन तकनीक है जो दो डिवाइसेज को केवल कुछ सेंटीमीटर की दूरी पर डेटा ट्रांसफर करने की सुविधा देती है। यह तकनीक रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) के सिद्धांत पर आधारित होती है। NFC डिवाइस आपस में केवल करीब लाकर जोड़े जा सकते हैं और यह तेज और सुरक्षित डेटा ट्रांसफर प्रदान करता है।

NFC के प्रमुख उपयोग:
- कैशलेस पेमेंट्स: Google Pay, Apple Pay और Samsung Pay जैसे ऐप्स के जरिए POS मशीन के पास फोन या कार्ड लाकर भुगतान किया जा सकता है।
- पब्लिक ट्रांसपोर्ट: दिल्ली मेट्रो समेत कई शहरों में NFC सक्षम कार्ड से किराए का भुगतान किया जा रहा है।
- स्मार्ट एक्सेस कंट्रोल: ऑफिस, होटल और अन्य सुरक्षित स्थानों में NFC कार्ड से एंट्री दी जाती है।
- कॉन्टैक्टलेस डेटा शेयरिंग: NFC के माध्यम से फाइल, कॉन्टैक्ट और अन्य डेटा तेजी से साझा किए जा सकते हैं।
- डिजिटल बिजनेस कार्ड: लोग फिजिकल कार्ड के बजाय NFC टैग से अपने डिजिटल बिजनेस कार्ड शेयर कर रहे हैं।
NFC के दुरुपयोग से बचाव के तरीके:
- NFC हमेशा ऑन न रखें: जब जरूरत न हो तो NFC को बंद कर दें, खासकर भीड़भाड़ वाले स्थानों पर।
- सिक्योरिटी लॉक का उपयोग करें: फोन और NFC पेमेंट ऐप्स में मजबूत पासवर्ड, फिंगरप्रिंट या फेस अनलॉक का इस्तेमाल करें।
- RFID ब्लॉकिंग वॉलेट: NFC स्किमिंग से बचने के लिए RFID प्रोटेक्टेड वॉलेट या कार्ड होल्डर का प्रयोग करें।
- अनजान NFC टैग से बचें: किसी भी अनजान टैग या डिवाइस को स्कैन करने से बचें, जिससे वायरस या फिशिंग अटैक से सुरक्षा रहे।
- बैंक स्टेटमेंट चेक करें: अपने बैंक अकाउंट की नियमित जांच करें और संदिग्ध ट्रांजेक्शन पर तुरंत बैंक से संपर्क करें।
इस प्रकार, NFC का सावधानीपूर्वक उपयोग आपके डिजिटल लेनदेन को सुरक्षित रख सकता है और साइबर खतरों से बचा सकता है।