जिनेवा: संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) की 58वीं बैठक में भारत ने पाकिस्तान को कड़ी फटकार लगाई है। पाकिस्तान द्वारा एक बार फिर कश्मीर का मुद्दा उठाने पर भारत ने सख्त प्रतिक्रिया देते हुए उसकी दोहरी नीतियों को उजागर किया।

बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे क्षितिज त्यागी ने कहा कि भारत, पाकिस्तान के आधारहीन और दुर्भावनापूर्ण दावों का जवाब देने के लिए अपने अधिकार का उपयोग कर रहा है। उन्होंने कहा, “यह निराशाजनक है कि पाकिस्तान के नेता और प्रतिनिधि कश्मीर को लेकर झूठ फैलाने में लगे रहते हैं। पाकिस्तान लगातार अंतरराष्ट्रीय नियमों की अनदेखी कर रहा है। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हमेशा भारत का अभिन्न हिस्सा रहेंगे।”
जम्मू-कश्मीर में तेजी से हुआ विकास
भारत के प्रतिनिधि ने बताया कि बीते कुछ वर्षों में जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक क्षेत्रों में जबरदस्त प्रगति हुई है। यह सरकार की उस प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जिसके तहत पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद से प्रभावित इस क्षेत्र को स्थिर करने के लिए व्यापक कदम उठाए गए हैं।
पाकिस्तान को अपने देश की हालत सुधारने पर देना चाहिए ध्यान
भारत ने पाकिस्तान को घेरते हुए कहा कि वह ऐसा देश है, जहां मानवाधिकारों का उल्लंघन, अल्पसंख्यकों का दमन और लोकतांत्रिक मूल्यों की अनदेखी आम बात हो गई है। वहां संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादियों को खुलेआम पनाह दी जाती है। ऐसे में पाकिस्तान को किसी अन्य देश को उपदेश देने का कोई हक नहीं है।
“भारत पर ध्यान देने के बजाय पाकिस्तान को अपने ही नागरिकों की स्थिति सुधारने पर ध्यान देना चाहिए,” भारत के प्रतिनिधि ने कहा।
‘पाकिस्तान को सीखने की जरूरत’
भारत ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि संयुक्त राष्ट्र का समय एक असफल राष्ट्र द्वारा बर्बाद किया जा रहा है, जो खुद भीतरी अस्थिरता का सामना कर रहा है। जबकि भारत लोकतंत्र, विकास और नागरिकों के सम्मान पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। भारत ने यह भी कहा कि पाकिस्तान को इन मूल्यों से सीख लेनी चाहिए।
संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के प्रतिनिधि आज़म नजीर तरार ने दावा किया था कि कश्मीर में मानवाधिकारों का उल्लंघन हो रहा है, जिसे भारत ने पूरी तरह से खारिज कर दिया।