नई दिल्ली, 2 अक्टूबर: इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम्स (ITS) को बढ़ावा देने और भारत में एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने के लिए समर्पित एक प्रमुख गैर-लाभकारी थिंक टैंक, ITS इंडिया ने सफलतापूर्वक अपनी पहली “वार्षिक आम बैठक” (AGM) और “उभरती तकनीकों पर वार्षिक तकनीकी शिखर सम्मेलन” का आयोजन किया। यह आयोजन नई दिल्ली के CSOI KG मार्ग पर हाइब्रिड फॉर्मेट में आयोजित किया गया। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम ने प्रमुख उद्योग नेताओं, सरकारी अधिकारियों, पेशेवर संगठनों, नीति निर्माताओं और क्षेत्र विशेषज्ञों को एकत्रित किया, जिसमें ITS इंडिया फोरम की पिछले वर्ष की उपलब्धियों का जश्न मनाया गया और देश में गतिशीलता के भविष्य के लिए एक दृष्टिवान पथ रेखांकित किया गया।
सुरक्षित और टिकाऊ परिवहन की दिशा में एक नया कदम
श्री अखिलेश श्रीवास्तव, ITS इंडिया के अध्यक्ष ने अपने उद्घाटन भाषण में फोरम की परिवर्तनकारी पहलों और पिछले वर्ष की महत्वपूर्ण मील के पत्थरों को उजागर किया। उन्होंने भारत में सुरक्षित, टिकाऊ, और लागत-कुशल परिवहन को बढ़ाने के लिए अपने समर्पण को फिर से दोहराया। सम्मेलन में सरकार की ₹11 ट्रिलियन वार्षिक निवेश की योजनाओं को भी उजागर किया गया, जो विभिन्न परिवहन क्षेत्रों को आधुनिक बनाने के लिए समर्पित हैं। श्री अखिलेश ने कहा, “इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम्स (ITS) की महत्वपूर्ण भूमिका है, जो इन निवेशों से अधिकतम परिणाम सुनिश्चित करती है, जिससे सड़क सुरक्षा में सुधार, भीड़भाड़ को कम करने, और संचालन की दक्षता को बढ़ाने में मदद मिलेगी। इससे जीडीपी में 3-5% की बढ़ोतरी हो सकती है।”
सिर्फ तकनीक ही नहीं, एक समग्र दृष्टिकोण भी
श्री बी.एन. पुरी, एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रांसपोर्ट डेवलपमेंट (AITD) के निदेशक ने कहा, “फोरम परिवहन क्षेत्र को संसाधन-कुशल, सुरक्षित, विश्वसनीय, और पर्यावरण के अनुकूल बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। AI-चालित नवाचारों के माध्यम से, हम एक ऐसा परिवहन पारिस्थितिकी तंत्र बनाने का प्रयास कर रहे हैं, जो आज की जरूरतों को पूरा करता है और भविष्य के लिए एक टिकाऊ मार्ग प्रशस्त करता है।”
आधुनिक समाधान और तकनीकें
श्री मैथ्यू जेम्स ट्रोलोप, स्मार्ट सिटी पार्किंग प्रबंधन समाधानों के निदेशक ने डेटा-संचालित पार्किंग प्रबंधन के दृष्टिकोण पर चर्चा की। उन्होंने कहा, “सही प्रवर्तन के साथ बुद्धिमान पार्किंग समाधान ही शहरीकरण के कारण बढ़ती पार्किंग समस्याओं का समाधान कर सकते हैं।”
इसी क्रम में, प्रोफेसर (डॉ.) पुराण पांडे, दक्षिण एशियाई विश्वविद्यालय (SAARC) के डीन ने कहा कि ITS क्षेत्र में कौशल विकास और क्षमता निर्माण महत्वपूर्ण है और उच्च शिक्षा और शोध के लिए सहयोग की पेशकश की।
श्री सचिन भाटिया, मेट्रो इन्फ्रासिस के CEO ने कहा कि FASTag और ANPR का उपयोग अपराध रोकने में गेम चेंजर हो सकता है, खासकर चोरी की गई गाड़ियों की पहचान में।
भारत की वैश्विक पहचान और भविष्य की योजनाएं
ITS इंडिया ने दुबई में 30वें ITS वर्ल्ड कांग्रेस में अपनी नवाचार क्षमताओं का प्रदर्शन किया, जहां ITS इंडिया पवेलियन सबसे अधिक देखे जाने वाले प्रदर्शनों में से एक था। इस अवसर पर, श्री अखिलेश ने कहा, “यह समय है कि हम अपने भारत-विशिष्ट मानकों को विकसित करें और इसे वैश्विक स्तर पर मान्यता दिलाएं, जैसा कि हमारे माननीय प्रधानमंत्री का दृष्टिकोण है।”
भविष्य में, ITS इंडिया ने 2024-2025 के लिए अपनी रणनीतिक योजनाओं में सुरक्षित ड्राइविंग स्कोर प्लेटफार्म को बढ़ाने और आईआईटी/आईआईएम जैसे प्रमुख उद्योगों और संस्थानों के साथ साझेदारी करने की बात कही।
उपसंहार
श्री शिव कुमार, ITS इंडिया फोरम के निदेशक जनरल ने समापन भाषण में कहा कि परिवहन क्षेत्र में चुनौतियों का सामना करने के लिए सहयोगात्मक दृष्टिकोण की आवश्यकता है। ITS इंडिया द्वारा उठाए गए कदम न केवल भारत में परिवहन के भविष्य को सुरक्षित और हरित बनाने में मदद करेंगे, बल्कि यह सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेंगे।