Google Pay भारत में एक लोकप्रिय UPI ऐप है, जिसका उपयोग बिल भुगतान, मोबाइल रिचार्ज और अन्य लेनदेन के लिए किया जाता है। हालांकि, इस ऐप के उपयोगकर्ताओं के लिए एक नई खबर सामने आई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, Google Pay अब कुछ पेमेंट्स पर अतिरिक्त शुल्क वसूल रहा है।
बिजली और गैस बिल भुगतान पर लगेगा चार्ज

एक नई रिपोर्ट के अनुसार, Google Pay बिजली और गैस बिल भुगतान के लिए एक सुविधा शुल्क लागू कर रहा है। यह शुल्क उन यूजर्स से लिया जाएगा जो छोटे मूल्य के लेनदेन कर रहे हैं। इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट में बताया गया है कि इस मामले पर Google Pay की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, और न ही कंपनी ने इस चार्ज की पुष्टि की है।
डेबिट और क्रेडिट कार्ड ट्रांजैक्शन पर शुल्क
रिपोर्ट के मुताबिक, यह नया चार्ज मुख्य रूप से डेबिट और क्रेडिट कार्ड के जरिए किए गए भुगतान पर लागू होगा। चार्ज की राशि पेमेंट का 0.5% से 1% तक हो सकती है, जिसमें GST भी जोड़ा जाएगा।
पहले भी मोबाइल रिचार्ज पर वसूला था शुल्क
साल 2023 में, Google Pay ने मोबाइल रिचार्ज पर 3 रुपये का अतिरिक्त शुल्क लगाने का फैसला किया था। अब, दो साल बाद, कंपनी ने नए तरह के शुल्क को लागू किया है। रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि एक यूजर से क्रेडिट कार्ड के जरिए बिजली का बिल भुगतान करने पर “कन्वीनियंस चार्ज” के रूप में 15 रुपये वसूले गए। ऐप में इसे “डेबिट और क्रेडिट कार्ड ट्रांजैक्शन के लिए प्रोसेसिंग शुल्क” के रूप में दर्शाया गया, जिसमें GST भी शामिल था।
UPI से कमाई का प्रयास?
रिपोर्ट के मुताबिक, Google Pay द्वारा चार्ज लागू करना यह दर्शाता है कि कंपनी अब UPI लेनदेन के जरिए मुनाफा कमाने की कोशिश कर रही है। लंबे समय से फिनटेक कंपनियां पेमेंट प्रोसेसिंग की लागत की भरपाई करने का तरीका ढूंढ रही थीं, और अब उन्हें समाधान मिलता दिख रहा है।
PhonePe और Paytm पहले से ले रहे हैं शुल्क
Google Pay अकेली ऐसी कंपनी नहीं है जो यह शुल्क लागू कर रही है। अन्य फिनटेक कंपनियां पहले से ही यह कर रही हैं। उदाहरण के लिए, PhonePe डेबिट और क्रेडिट कार्ड से किए गए कुछ बिल भुगतानों पर चार्ज लगाता है। वहीं, Paytm UPI के माध्यम से मोबाइल रिचार्ज और यूटिलिटी बिल भुगतान पर 1 रुपये से 40 रुपये के बीच शुल्क लेता है।
फिनटेक कंपनियों के लिए चुनौती बनी UPI से कमाई
UPI ट्रांजैक्शन भारत में बेहद लोकप्रिय हैं, लेकिन इससे सीधे तौर पर पैसा कमाना अभी भी फिनटेक कंपनियों के लिए एक चुनौती बना हुआ है। इसलिए, कंपनियां अन्य तरीकों से लेनदेन की लागत की भरपाई करने की कोशिश कर रही हैं।