यरुशलम: इजरायल और हमास के बीच एक नया समझौता हुआ है, जिसके तहत सैकड़ों फलस्तीनी कैदियों को रिहा किया जाएगा, जबकि हमास इजरायली बंधकों के शव लौटाएगा। इस समझौते के बाद दोनों पक्षों के बीच जारी युद्धविराम के कुछ और दिनों तक बरकरार रहने की उम्मीद जताई जा रही है।

युद्धविराम पर संकट और समझौते की जरूरत
इजरायल ने शनिवार से 600 फलस्तीनी कैदियों की रिहाई रोक रखी थी, यह आरोप लगाते हुए कि हमास ने बंधकों के साथ क्रूर व्यवहार किया। इस देरी को हमास ने युद्धविराम का गंभीर उल्लंघन बताया और स्पष्ट किया कि जब तक कैदियों को रिहा नहीं किया जाता, तब तक आगे की बातचीत संभव नहीं होगी। इस गतिरोध के चलते युद्धविराम के टूटने का खतरा बढ़ गया था।
कैसे हुआ समझौता?
मंगलवार देर रात हमास ने घोषणा की कि उसके शीर्ष अधिकारी खलील अल-हय्या के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने काहिरा में इस विवाद को हल करने के लिए वार्ता की। इस समझौते के तहत इजरायल पहले कुछ फलस्तीनी कैदियों को रिहा करेगा और इसके बदले हमास इजरायली बंदियों के शव सौंपेगा। इसके बाद एक और समूह की रिहाई होगी।
क्या होगा आगे?
इस समझौते के बावजूद दोनों पक्षों के बीच तनाव बना हुआ है, क्योंकि युद्धविराम कई बार टूटने के कगार पर पहुंच चुका है। कैदियों की रिहाई में देरी से भविष्य में समझौते के प्रभावी रहने को लेकर संदेह बना हुआ है।