अयोध्या: पाकिस्तान के कराची स्थित सबसे बड़े हनुमान मंदिर के मुख्य पुजारी राम नाथ मिश्रा ने एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। अयोध्या की यात्रा पर आए मिश्रा ने कहा कि पाकिस्तान की सेना ने हमेशा चरमपंथी संगठनों के खिलाफ हिंदू समुदाय का समर्थन किया है।

मंदिर की भूमि को लेकर लंबी लड़ाई
मिश्रा ने कराची के पंचमुखी हनुमान मंदिर की जमीन पर अतिक्रमण को लेकर संघर्ष का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि 1947 के विभाजन से पहले यह मंदिर 25,000 वर्ग फीट क्षेत्र में फैला था, लेकिन धीरे-धीरे इसका अधिकांश भाग अतिक्रमण की भेंट चढ़ गया। 2018 में पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने हिंदू समुदाय के पक्ष में फैसला सुनाते हुए इस जमीन को मुक्त करवाया।
अदालत का ऐतिहासिक फैसला
राम नाथ मिश्रा ने कहा, “हमने अपने मंदिर की जमीन को वापस पाने के लिए लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी। कट्टरपंथी संगठनों ने विरोध किया, लेकिन हमने पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट में न्याय की गुहार लगाई।” उन्होंने आगे बताया कि अदालत के आदेश के बाद, पाकिस्तानी सेना और सरकार ने मिलकर जिहादी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई की और मंदिर की भूमि को हिंदू समुदाय को वापस दिलाया।
पाकिस्तान सरकार से मंदिर के विकास की मांग
मिश्रा ने कहा कि पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने अन्य हिंदू मंदिरों और अल्पसंख्यकों से संबंधित पूजा स्थलों को भी मुक्त कराने का आदेश दिया है। उन्होंने पाकिस्तान सरकार से कराची के पंचमुखी हनुमान मंदिर को एक भव्य स्वरूप देने की अपील की, जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिले और पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को लाभ हो।
भारत-पाकिस्तान के मैत्रीपूर्ण संबंधों पर जोर
भारत और पाकिस्तान के रिश्तों पर बात करते हुए मिश्रा ने वीजा प्रतिबंधों को आसान बनाने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान में हिंदू समुदाय भारत के चारधाम यात्रा पर जाना चाहता है, जबकि भारतीय हिंदू पाकिस्तान के प्राचीन मंदिरों जैसे कराची के पंचमुखी हनुमान मंदिर, पेशावर के गोरखनाथ मंदिर और इस्लामाबाद के कृष्ण मंदिर के दर्शन करना चाहते हैं।”