नासा के मार्स आर्बिटर ने पहली बार मंगल ग्रह पर मौसमी धूल भरी आंधी का खुलासा किया है। इससे वैज्ञानिकों को भविष्य के रोबोटिक या मानव मिशन के मद्देनजर संभावित खतरनाक घटना को भांपने में सहायता मिलेगी।
दशकों से लाल ग्रह के धूल भरे तूफान के पैटर्न को समझने के लिए चित्रों के आधार पर शोध किया जा रहा था। लेकिन इसकी स्पष्ट तस्वीर मंगल ग्रह के वातावरण के तापमान के विश्लेषण के बाद ही बनी। प्रमुख शोधार्थी नासा के कैलिर्फोनिया स्थित जेट प्रोपल्सन लेबोरेट्री डेविड कास का कहना है कि जब हम धूल के चित्रों के अलावा वहां तापमान की संरचना को देखते हैं तो हमें अंतिम रूप से पता चलता है कि मंगल की विशाल धूल भरी आंधी में कुछ नियमितता है।
यह शोध जियोफिजिकल रिसर्च लेटर्स नाम के जर्नल में प्रकाशित किया गया है। इस शोध के मुताबिक नासा के मार्स आर्बिटर द्वारा रिकार्ड किए गए तापमान से तीन तरह के विशाल क्षेत्रीय धूल भरी आंधी के पैटर्न का पता चलता है
जो दक्षिणी गोलार्ध के बसंत और गर्मियों के दौरान हर वर्ष एक क्रम में आते हैं। मंगल का एक वर्ष धरती के दो वर्षों के समान होता है।