भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुच विल्मोर जून 2024 से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर फंसे हुए हैं। वे बोइंग स्टारलाइनर के माध्यम से एक आठ-दिवसीय मिशन पर गए थे, लेकिन तकनीकी खराबियों के कारण उनकी वापसी संभव नहीं हो पाई। अब, नासा ने उनके जल्द लौटने की घोषणा की है।
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स्पेसएक्स के जरिए होगी वापसी
नासा के अनुसार, स्पेसएक्स का अगला अंतरिक्ष यान उन्हें वापस लाने के लिए तैयार किया जा रहा है। पहले उनकी वापसी मार्च के अंत या अप्रैल की शुरुआत में तय की गई थी, लेकिन अब यह मार्च के मध्य में हो सकती है। इससे पहले, उनके लौटने के लिए उपयोग किए जाने वाले बोइंग स्टारलाइनर कैप्सूल में हीलियम रिसाव और थ्रस्टर खराबी जैसी समस्याएं आ गई थीं, जिसके कारण इसे असुरक्षित माना गया।
नासा की रणनीति
नासा ने स्पेसएक्स क्रू-9 मिशन के अंतर्गत दो सीटें आरक्षित रखी हैं, ताकि सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को सुरक्षित पृथ्वी पर लाया जा सके। यह मिशन फ्लोरिडा के केप कैनावेरल स्पेस फोर्स स्टेशन से लॉन्च किया जाएगा।
एलन मस्क और डोनाल्ड ट्रंप की प्रतिक्रिया
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क से इस मिशन पर चर्चा की थी। ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा कि एलन मस्क जल्द ही अंतरिक्ष यात्रियों को सुरक्षित वापस लाने के लिए काम शुरू करेंगे।
कौन हैं सुनीता विलियम्स?
सुनीता विलियम्स भारतीय मूल की दूसरी अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री हैं। वह भारतीय संस्कृति से गहराई से जुड़ी हुई हैं।
- 2006 में, उन्होंने अंतरिक्ष में भगवद गीता की एक प्रति लेकर गईं।
- 2012 में, वह ओम का प्रतीक और उपनिषदों की एक प्रति लेकर गईं।
- 2007 में, उन्होंने गुजरात के साबरमती आश्रम और अपने पैतृक गांव झूलासन का दौरा किया।
नया कैप्सूल कब लॉन्च होगा?
नासा ने घोषणा की है कि 12 मार्च को नया स्पेसएक्स कैप्सूल लॉन्च किया जाएगा, जो उन्हें सुरक्षित पृथ्वी पर वापस लाने का काम करेगा।