लेखक सलमान रुश्दी पर चाकू से हमला करने के आरोपी हादी मतार ने अदालत में अपने बचाव में कोई बयान नहीं दिया। उसके वकीलों ने भी बिना किसी गवाह को बुलाए अपनी दलीलें पूरी कर लीं। जब न्यायाधीश ने उससे पूछा कि क्या वह अपनी सफाई में कुछ कहना चाहता है, तो उसने इनकार कर दिया।

रुश्दी ने खुद दी गवाही
इससे पहले, अभियोजन पक्ष ने फॉरेंसिक विशेषज्ञ को अंतिम गवाह के रूप में पेश किया, जिससे सात दिनों तक चली गवाही की प्रक्रिया समाप्त हुई। खुद सलमान रुश्दी ने भी अदालत में अपना बयान दिया। हादी मतार पर पश्चिमी न्यूयॉर्क के चौटाउक्वा काउंटी न्यायालय में मुकदमा चल रहा है। इस हमले में 77 वर्षीय रुश्दी की एक आंख की रोशनी चली गई थी और उन्हें कई गंभीर चोटें आई थीं।
अदालत में लगाए फलस्तीन की मुक्ति के नारे
जब भी मतार को अदालत कक्ष में लाया गया, उसने मीडिया के कैमरों के सामने कई बार ‘फलस्तीन की मुक्ति’ के नारे लगाए। उसके खिलाफ बफेलो में भी एक अन्य मामला चल रहा है, जिसमें उस पर आतंकवादी संगठन हिजबुल्लाह की मदद करने का आरोप है।
क्यों हुआ था हमला?
1989 में प्रकाशित सलमान रुश्दी के उपन्यास ‘द सैटेनिक वर्सेस’ के कारण यह हमला हुआ। इस किताब के चलते ईरान के धार्मिक नेता ने रुश्दी की हत्या का फतवा जारी किया था, जिससे उन्हें कई वर्षों तक छिपकर रहना पड़ा। 33 साल बाद, 2022 में, न्यू जर्सी के फेयरव्यू में रहने वाले 24 वर्षीय हादी मतार ने रुश्दी पर हमला कर दिया, जबकि वह उपन्यास की रिलीज़ और फतवा जारी होने के समय पैदा भी नहीं हुआ था।
ईरान ने दिया इनाम
हमले के बाद, ईरान के एक फाउंडेशन ने हादी मतार को इनाम देने की घोषणा की। इस फाउंडेशन ने सरकारी टेलीविजन पर घोषणा की कि वे मतार को 1,000 स्क्वायर मीटर खेती की ज़मीन देंगे। साथ ही, फाउंडेशन ने यह भी कहा कि रुश्दी अब “जिंदा लाश” के समान हैं।