रायपुर: छत्तीसगढ़ के पारंपरिक व्यंजन न केवल स्थानीय लोगों को बल्कि बाहर से आने वाले पर्यटकों को भी बेहद आकर्षित करते हैं। खासतौर पर राजधानी रायपुर में स्थित “गढ़कलेवा” में मिलने वाला साबूदाना बड़ा ऐसा व्यंजन है, जिसका स्वाद चखने के बाद लोग इसे बार-बार खाना पसंद करते हैं।
गढ़कलेवा, जो महंत घासीदास संग्रहालय परिसर में छत्तीसगढ़ी व्यंजनों का हब है, अपने खास व्यंजनों के लिए प्रसिद्ध है। यहां चीला, फरा और उड़द बड़ा पहले से ही लोकप्रिय हैं, लेकिन साबूदाना बड़ा ने अपनी एक अलग पहचान बनाई है। इसकी खासियत यह है कि इसे पारंपरिक छत्तीसगढ़िया अंदाज में तैयार किया जाता है, और इसका स्वाद व्रत या सामान्य दिनों में सभी को लुभाता है।

टमाटर की चटनी के साथ स्वाद का अनोखा संगम
गढ़कलेवा में साबूदाना बड़ा का मजा लेने पहुंचे भिलाई के ईश्वर साहू ने बताया कि जब भी वे रायपुर आते हैं, गढ़कलेवा में आकर साबूदाना बड़ा खाना उनकी आदत बन चुकी है। इस व्यंजन का स्वाद टमाटर की चटनी के साथ और भी खास हो जाता है। उनका कहना है, “पहली बार खाने के बाद से मैं हर बार यहां इसका आनंद लेने आता हूं। यह व्यंजन छत्तीसगढ़ी शैली में तैयार किया जाता है, जो इसे अन्य जगहों से अलग बनाता है।”
साबूदाना बड़ा बनाने की रेसिपी
गढ़कलेवा में पांच वर्षों से काम कर रहे कर्मचारी राजकुमार ने बताया कि साबूदाना बड़ा तैयार करने की प्रक्रिया आसान लेकिन खास है।
- सबसे पहले साबूदाना को रातभर पानी में भिगोया जाता है।
- अगली सुबह इसमें धनिया, हरी मिर्च, अदरक पेस्ट, मूंगफली के दाने, मीठा नीम की पत्तियां, नमक और उबले आलू मिलाए जाते हैं।
- इस मिश्रण को मिक्सी में पीसकर एक स्मूद बैटर तैयार किया जाता है।
- फिर बैटर को बड़े के आकार में ढालकर गर्म तेल में तला जाता है।
गढ़कलेवा में एक प्लेट में 2 साबूदाना बड़े परोसे जाते हैं, जिसकी कीमत सिर्फ 40 रुपए है।
साबूदाना खिचड़ी भी उपलब्ध
गढ़कलेवा में उपवास के दिनों में खासतौर पर साबूदाना खिचड़ी भी ऑर्डर पर तैयार की जाती है। इसका स्वाद भी उतना ही लाजवाब होता है।
यदि आप रायपुर में हैं और छत्तीसगढ़ के पारंपरिक व्यंजनों का आनंद लेना चाहते हैं, तो गढ़कलेवा में साबूदाना बड़ा जरूर ट्राई करें। यह स्वादिष्ट व्यंजन न केवल आपकी भूख मिटाएगा बल्कि आपको छत्तीसगढ़ के समृद्ध खानपान संस्कृति से भी रूबरू कराएगा।