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ट्रम्प की टैरिफ बढ़ोतरी से शेयर बाजार में भारी गिरावट: सेंसेक्स 1018 अंक टूटा, निफ्टी में भी 309 अंकों की गिरावट

शेयर बाजार में आज, 11 फरवरी को बड़ी गिरावट देखने को मिली। सेंसेक्स 1018 अंक (1.31%) गिरकर 76,293 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 309 अंक (1.32%) गिरकर 23,071 के स्तर पर आ गया। यह लगातार पांचवां कारोबारी दिन रहा जब बाजार नुकसान के साथ बंद हुआ।

सभी सेक्टर्स पर असर, रियल्टी और मीडिया सबसे ज्यादा प्रभावित

निफ्टी रियल्टी इंडेक्स में सबसे अधिक 3% की गिरावट दर्ज की गई, जबकि मीडिया इंडेक्स 2.85% नीचे आया। इसके अलावा, ऑटो, एफएमसीजी, फार्मा और सरकारी बैंकों के इंडेक्स में करीब 2% की गिरावट देखी गई। वहीं, मेटल और आईटी इंडेक्स भी करीब 1.50% की गिरावट के साथ बंद हुए।

बाजार में गिरावट से निवेशकों की संपत्ति ₹9.27 लाख करोड़ घटी

शेयर बाजार में बिकवाली के चलते निवेशकों को बड़ा नुकसान हुआ। 10 फरवरी को BSE पर सूचीबद्ध कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण लगभग 417 लाख करोड़ रुपये था, जो 11 फरवरी को घटकर 408 लाख करोड़ रुपये रह गया। यानी, निवेशकों की संपत्ति ₹9.27 लाख करोड़ कम हो गई।

बाजार में गिरावट के मुख्य कारण

1. अमेरिका द्वारा टैरिफ बढ़ाना

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने स्टील और एल्युमीनियम के आयात पर टैरिफ बढ़ा दिया है, जिससे वैश्विक व्यापार युद्ध की आशंका बढ़ गई है। ट्रम्प प्रशासन ने एल्युमीनियम पर टैरिफ 10% से बढ़ाकर 25% कर दिया, जबकि पहले से ड्यूटी फ्री स्टील आयात पर 25% टैरिफ लागू कर दिया। इस फैसले के बाद वैश्विक बाजारों में नकारात्मक असर देखने को मिला।

2. विदेशी निवेशकों द्वारा भारी बिकवाली

विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने फरवरी में अब तक ₹12,643 करोड़ के शेयर बेच दिए हैं। अक्टूबर 2024 से लेकर अब तक भारतीय शेयर बाजार से FIIs द्वारा कुल ₹2.75 लाख करोड़ से अधिक की बिकवाली की जा चुकी है, जिससे बाजार पर दबाव बना हुआ है।

3. कमजोर तिमाही नतीजे

कई कंपनियों के तिमाही नतीजे उम्मीद से कमजोर रहे, जिससे निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई। उदाहरण के लिए, आयशर मोटर्स के शेयरों में 7% तक की गिरावट आई। हालांकि, कंपनी का Q3FY25 का शुद्ध मुनाफा 17.5% बढ़कर ₹1,170.5 करोड़ हुआ, लेकिन यह बाजार के अनुमान से कम रहा। लागत बढ़ने और उच्च-मार्जिन वाली मोटरसाइकिलों की बिक्री में गिरावट के कारण मुनाफे पर असर पड़ा।

वैश्विक बाजारों का हाल

एशियाई बाजारों में मिलाजुला रुख देखने को मिला। दक्षिण कोरिया का कोस्पी इंडेक्स 0.71% की बढ़त के साथ बंद हुआ, जबकि हैंगसेंग (हॉन्गकॉन्ग) में 1.06% और शंघाई कम्पोजिट इंडेक्स (चीन) में 0.12% की गिरावट आई।

10 फरवरी को FIIs ने भारतीय बाजार में ₹2,463.72 करोड़ के शेयर बेचे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) ने ₹1,515.52 करोड़ के शेयर खरीदे।

अमेरिकी बाजार में 10 फरवरी को तेजी देखने को मिली:

  • डाओ जोंस 0.38% बढ़कर 44,470 पर बंद हुआ।
  • S&P 500 इंडेक्स 0.67% चढ़कर 6,066 पर पहुंच गया।
  • नैस्डैक में 0.98% की बढ़त दर्ज हुई।

पिछले दिन भी बाजार में गिरावट

10 फरवरी को भी शेयर बाजार में गिरावट देखने को मिली थी। उस दिन सेंसेक्स 548 अंक टूटकर 77,311 पर और निफ्टी 178 अंक गिरकर 23,381 पर बंद हुआ था।

सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 24 में गिरावट दर्ज की गई, जबकि केवल 6 शेयरों में बढ़त देखने को मिली। एनर्जी, आईटी और मेटल सेक्टर में ज्यादा गिरावट रही। टाटा स्टील और पावर ग्रिड के शेयर 3% तक लुढ़क गए थे।

निष्कर्ष

अमेरिका द्वारा टैरिफ बढ़ाने, विदेशी निवेशकों की बिकवाली और कमजोर तिमाही नतीजों की वजह से भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट देखी गई। निवेशकों की संपत्ति में भारी गिरावट आई, जिससे बाजार की स्थिरता पर सवाल खड़े हो रहे हैं। आगामी दिनों में बाजार की दिशा वैश्विक आर्थिक नीतियों और निवेशकों के रुझान पर निर्भर करेगी।

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