उंगलियों, पीठ या टखनों को चटकाने की संतोषजनक आवाज़ कई लोगों के लिए एक सामान्य एहसास है। चाहे यह कसरत के बाद की स्ट्रेचिंग हो, एक घबराहट की आदत हो, या सिर्फ तनाव कम करने का तरीका—जोड़ों को चटकाने की आदत को लेकर लंबे समय से जिज्ञासा और चिंता बनी हुई है। लेकिन क्या यह आदत वास्तव में गठिया (Arthritis) का कारण बनती है? ऑर्थोपेडिक्स और स्पोर्ट्स मेडिसिन के विशेषज्ञ इस विषय पर वैज्ञानिक दृष्टिकोण साझा करते हैं।

आखिर यह ‘पॉप’ आवाज़ क्यों आती है?
जब उंगलियों या किसी अन्य जोड़ को चटकाया जाता है, तो एक विशेष पॉपिंग साउंड सुनाई देती है। डॉ. प्रकाश अय्यादुरई, वरिष्ठ सलाहकार (आर्थ्रोस्कोपी और स्पोर्ट्स मेडिसिन), रेला हॉस्पिटल, चेन्नई बताते हैं कि हमारे जोड़ों के आसपास सिनोवियल फ्लूइड (एक प्रकार का लुब्रिकेंट) होता है।
“जब कोई जोड़ खींचा या मोड़ा जाता है, तो इस तरल में दबाव परिवर्तन के कारण गैस के बुलबुले बनते हैं और फिर फूट जाते हैं, जिससे यह विशेष ‘पॉप’ ध्वनि उत्पन्न होती है। इन बुलबुलों को फिर से बनने में लगभग 20 मिनट लगते हैं, इसलिए तुरंत दोबारा वही जोड़ चटकाना संभव नहीं होता।”
डॉ. श्रीराम कृष्णमूर्ति, आर्थोपेडिक सर्जन, एमजीएम हेल्थकेयर मालार, चेन्नई, बताते हैं कि कुछ लोग अपनी मर्जी से जोड़ चटका सकते हैं, जो उनके स्नायुबंधन (ligaments) और कण्डराओं (tendons) के खिंचाव के कारण होता है। हालांकि, यह आमतौर पर हानिरहित होता है, लेकिन कभी-कभी हल्की असुविधा का कारण बन सकता है।
क्या जोड़ों को चटकाने से गठिया होता है?
कई लोगों का मानना है कि जोड़ों को चटकाने से गठिया हो सकता है, लेकिन वैज्ञानिक शोध इस मिथक को खारिज कर चुके हैं।
डॉ. अय्यादुरई प्रसिद्ध शोधकर्ता डॉ. डोनाल्ड उंगर के अध्ययन का हवाला देते हैं, जिन्होंने 50 वर्षों तक केवल एक हाथ की उंगलियां चटकाईं और किसी भी हाथ में गठिया नहीं हुआ। “हालांकि यह अध्ययन निर्णायक नहीं है, लेकिन यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि जोड़ों को चटकाने से सीधे गठिया नहीं होता,” वे कहते हैं।
डॉ. वी. सुधीर, वरिष्ठ सलाहकार, एसआरएम ग्लोबल हॉस्पिटल्स, चेन्नई, भी सहमत हैं और कहते हैं, “उंगलियों को चटकाने से गठिया नहीं होता। लेकिन अगर कोई जोड़ को उसकी प्राकृतिक सीमा से अधिक मोड़े या खींचे, तो इससे मोच (sprain) या यहां तक कि फ्रैक्चर भी हो सकता है, जो हानिकारक हो सकता है।”
डॉ. कृष्णमूर्ति आगे बताते हैं कि हालांकि सामान्य जोड़ चटकाने से गठिया नहीं होता, लेकिन अत्यधिक बल लगाने से गठिया के जोखिम बढ़ सकते हैं। “कार्टिलेज हड्डियों के बीच कुशन का काम करता है, और बार-बार दबाव डालने से यह धीरे-धीरे कमजोर हो सकता है। हालांकि मजबूत वैज्ञानिक प्रमाण नहीं हैं, लेकिन बार-बार ज़ोर देकर जोड़ चटकाना लंबे समय में नुकसानदायक हो सकता है।”
कब हो सकता है यह खतरनाक?
हालांकि आमतौर पर जोड़ों को चटकाना सुरक्षित होता है, कुछ मामलों में यह किसी गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है।
- यदि जोड़ चटकाने के साथ दर्द, सूजन, या जकड़न महसूस हो, तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
- सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो में लोग अत्यधिक जोड़ मोड़ते या दूसरों के जोड़ चटकाते नजर आते हैं, जो गंभीर चोट का कारण बन सकता है।
- अगर कोई जोड़ बार-बार खुद ही चटकने लगे और दर्द हो, तो यह किसी अज्ञात समस्या का संकेत हो सकता है।
डॉ. सुधीर कहते हैं, “यदि जोड़ चटकाने के बाद असहज महसूस हो या सूजन हो जाए, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।”
निष्कर्ष
- सामान्य रूप से उंगलियों या जोड़ों को चटकाना गठिया का कारण नहीं बनता।
- अत्यधिक बल लगाकर जोड़ चटकाने से कार्टिलेज को नुकसान हो सकता है।
- यदि जोड़ चटकाने के साथ दर्द या सूजन हो, तो इसे तुरंत रोक देना चाहिए।
- जब तक यह दर्दरहित है, तब तक यह आदत आमतौर पर सुरक्षित मानी जाती है।
डॉ. अय्यादुरई कहते हैं, “स्वस्थ जोड़ बनाए रखने के लिए शरीर की संरचना को समझना और नुकसानदायक आदतों से बचना जरूरी है।”