म्यूनिख सम्मेलन के मौके पर भारत ने अपने कई सहयोगी देशों के साथ द्विपक्षीय वार्ताएं की, जिनमें ईरान भी शामिल रहा। भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची से मुलाकात की। इस बातचीत के दौरान व्यापार, ऊर्जा, तेल और पेट्रोलियम जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर सहयोग बढ़ाने पर चर्चा हुई।

जयशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (ट्विटर) पर इस मुलाकात की तस्वीर साझा करते हुए लिखा,
“ईरान के विदेश मंत्री अराघची से मिलकर खुशी हुई। हमारे द्विपक्षीय संबंधों और क्षेत्रीय विकास पर उपयोगी चर्चा हुई।”
भारत-ईरान संबंधों का महत्व
ईरान भारत का एक अहम रणनीतिक और व्यापारिक साझेदार है। दोनों देशों के बीच चाबहार बंदरगाह समझौता इसका प्रमुख उदाहरण है, जो भारत के लिए न केवल आर्थिक बल्कि सामरिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। पिछले कुछ वर्षों में दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जिससे द्विपक्षीय सहयोग लगातार मजबूत हो रहा है।